मेरे घर आई एक नन्ही परी ,
नीले आसमान से आई वो नन्ही परी !
''अम्मू'' कानो में पड़ी जैसे ही मिश्री की डली ,
मैं मुग्ध सी , मोहित सी उसकी ही हो चली !
नन्हे नन्हे हाथों की वो स्निग्ध छुअन ,
तरंगित कर दे मेरा ये जीवन !
एक परी के पंखों से तो खिला था जीवन ,
किसे पता था यह नन्ही आकर ,महका देगी कानन !
प्रभु तेरी देन हैं मेरी आखों के तारे ,
और उनके फूल तो हैं ,
मेरे चाँद सितारे !